अमृतारिष्ट (Amritarishta) – उपयोग, फायदे, खुराक और दुष्प्रभाव
अमृतारिष्ट एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे “अमृतारिस्त” या “अमृतरिष्ट” भी कहा जाता है। इसका मुख्य उपयोग बुखार कम करने और शरीर में होने वाले संक्रमणों से लड़ने के लिए किया जाता है। यह हर्बल टॉनिक गुडूची (गिलोय) और कई प्रभावशाली जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है। यह पाचन शक्ति को सुधारता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और कमजोरी से जल्दी ठीक होने में मदद करता है। अमृतारिष्ट उन लोगों के लिए खासतौर पर लाभकारी है जो अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। यह वयस्कों और बड़े बच्चों के लिए उपयुक्त है।
अमृतारिष्ट (Amritarishta) का महत्व
अमृतारिष्ट एक उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है जो बुखार कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने और पाचन सुधारने में मदद करती है। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती है और लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। मौसम बदलने के दौरान, जब लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं, तब यह विशेष रूप से लाभदायक होती है। सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त।
अमृतारिष्ट (Amritarishta) के फायदे
बुखार के लिए अमृतारिष्ट
फायदे: अमृतारिष्ट का मुख्य उपयोग लंबे समय तक बने रहने वाले या बार-बार होने वाले बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया और टाइफॉइड को नियंत्रित करने में किया जाता है। यह शरीर का बढ़ा हुआ तापमान कम करता है, प्लेटलेट्स के स्तर को सुधारने में मदद करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर संक्रमणों से बेहतर लड़ पाता है और दोबारा बीमार होने की संभावना कम होती है। अमृतारिष्ट शरीर को अंदर से शुद्ध करता है, गर्मी को संतुलित करता है और बुखार के कारण आई कमजोरी को दूर करके रिकवरी को तेज करता है।
कमज़ोर इम्युनिटी के लिए अमृतारिष्ट
फायदे: अमृतारिष्ट शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) के स्तर को बढ़ाकर प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर संक्रमणों से बेहतर तरीके से लड़ पाता है। यह बार-बार होने वाली सर्दी, खांसी, वायरल इंफेक्शन और मौसम बदलने पर होने वाली बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। अमृतारिष्ट में मौजूद गिलोय और अन्य औषधीय जड़ी-बूटियाँ शरीर की रक्षा प्रणाली को भीतर से सक्रिय करती हैं, जिससे रोग जल्दी नहीं पकड़ते। नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कमजोरी, थकान तथा संक्रमण के खतरे में कमी आती है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है।
भूख न लगने पर अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: बीमारी के बाद अक्सर लोगों को भूख कम लगने लगती है, जिससे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता और कमजोरी बढ़ जाती है। अमृतारिष्ट ऐसे समय में पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर भूख को वापस लाने में सहायक होता है। इसमें मौजूद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ पेट में पाचक रसों के निर्माण को बढ़ाती हैं, जिससे भोजन आसानी से पचता है और गैस, भारीपन या अपच जैसी समस्याएँ कम होती हैं। जब पाचन सुधरता है तो शरीर स्वाभाविक रूप से भूख महसूस करने लगता है। नियमित सेवन से भूख में धीरे-धीरे सुधार आता है और स्वास्थ्य को आवश्यक पोषण प्राप्त होने लगता है।
पुरानी खांसी के लिए अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: यदि आपको बार-बार सर्दी, खांसी या गला खराब होने की समस्या होती है, तो अमृतारिष्ट काफी राहत प्रदान करता है। इसकी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ शरीर में जमा कफ को पतला करके बाहर निकालने में मदद करती हैं, जिससे सांस लेने में आसानी होती है और सीने का जकड़न कम होता है। यह गले की सूजन और जलन को शांत करता है तथा संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। नियमित सेवन से सर्दी-खांसी की बार-बार होने वाली समस्या में कमी आती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। यह प्राकृतिक तरीके से राहत देकर शरीर को जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है।
लीवर रोगों में अमृतारिष्ट
फायदे: अमृतारिष्ट लीवर के स्वास्थ्य को सुधारने में एक प्रभावी आयुर्वेदिक टॉनिक माना जाता है। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियाँ लीवर को शुद्ध करने, उसमें जमा विषाक्त तत्वों को निकालने और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं। नियमित सेवन से लीवर मजबूत होता है और पाचन तंत्र भी बेहतर काम करता है। यह पीलिया, फैटी लीवर या संक्रमण के कारण लीवर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है। अमृतारिष्ट शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रिया को संतुलित रखकर ऊर्जा स्तर बढ़ाने में सहायक होता है। इसके सेवन से लीवर स्वस्थ रहता है और संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अपच के लिए अमृतारिष्ट
फायदे: यदि आपको भोजन के बाद भारीपन, गैस, अपच या पेट फूलने जैसी समस्याएँ होती हैं, तो अमृतारिष्ट प्राकृतिक रूप से पाचन शक्ति को सुधारने में सहायता करता है। इसमें मौजूद आयुर्वेदिक घटक पेट में पाचक एंज़ाइम्स की क्रिया को बढ़ाते हैं, जिससे भोजन आसानी से टूटकर पच जाता है। यह पेट की गर्मी को संतुलित करता है, गैस बनने की प्रवृत्ति को कम करता है और आंतों की गति को भी सुचारू बनाता है। नियमित सेवन से पेट हल्का महसूस होता है, भोजन बेहतर तरीके से पचता है और अपच से होने वाली तकलीफों में राहत मिलती है।
त्वचा रोगों में अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: कई त्वचा समस्याएँ जैसे मुंहासे, फोड़े, दाने, खुजली या रैशेज शरीर में जमा दूषित रक्त और विषैले तत्वों के कारण होती हैं। अमृतारिष्ट अपने रक्त-शोधन गुणों की वजह से शरीर से इन हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह रक्त को स्वच्छ बनाकर त्वचा पर होने वाली सूजन, लालपन और जलन को कम करता है। इसकी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ त्वचा की प्राकृतिक चमक को वापस लाती हैं और नई समस्याओं के बनने की संभावना कम करती हैं। नियमित सेवन से त्वचा अंदर से स्वस्थ होती है, साफ दिखती है और एलर्जी जैसी परेशानियाँ भी कम होती हैं।
जोड़ों के दर्द में अमृतारिष्ट
फायदे: ठंड के मौसम में या बुखार के दौरान जोड़ों में होने वाला दर्द, सूजन और जकड़न काफी परेशान कर सकता है। अमृतारिष्ट अपनी प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इन समस्याओं में प्रभावी राहत प्रदान करता है। यह शरीर की सूजन को कम करता है, जिससे दर्द और अकड़न में कमी आती है। साथ ही यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे प्रभावित जोड़ों तक पोषण और गर्माहट पहुंचती है। नियमित सेवन से जोड़ों की गतिशीलता सुधरती है, कठोरता कम होती है और व्यक्ति अधिक सहज महसूस करता है। यह कमजोरी या संक्रमण के बाद होने वाले जोड़ों के दर्द में भी अत्यंत लाभकारी है।
मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) में अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: अमृतारिष्ट मूत्र मार्ग में जमा हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे संक्रमण धीरे-धीरे कम होता है। यह पेशाब करते समय होने वाली जलन, चुभन और दर्द को शांत करता है तथा मूत्र मार्ग की सूजन को भी कम करता है। इसकी ठंडक प्रदान करने वाली गुणधर्म शरीर की आंतरिक गर्मी को संतुलित करते हैं, जिससे बार-बार UTI होने की संभावना घटती है। नियमित सेवन मूत्र मार्ग को साफ रखता है और संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा बढ़ाता है। यह कमजोर इम्युनिटी या बार-बार UTI से परेशान लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
अनीमिया के लिए अमृतारिष्ट
फायदे: अमृतारिष्ट शरीर में प्राकृतिक रूप से लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) के निर्माण को बढ़ावा देता है और हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करता है, जिससे खून की कमी (अनीमिया) में काफी लाभ मिलता है। बीमारी, संक्रमण या लंबे समय तक कमजोरी रहने के बाद जब शरीर थका हुआ और कमजोर महसूस करता है, तब अमृतारिष्ट रक्त को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ रक्त को शुद्ध करती हैं, ऊर्जा स्तर बढ़ाती हैं और शरीर की ताकत वापस लाने में मदद करती हैं। नियमित सेवन से थकान, चक्कर आना और कमजोरी जैसी समस्याएँ धीरे-धीरे कम होती हैं।
डिटॉक्स के लिए अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: अमृतारिष्ट एक प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक की तरह काम करता है, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह रक्त, लीवर और पाचन तंत्र को शुद्ध करता है, जिससे शरीर अंदर से साफ और हल्का महसूस होता है। जब शरीर में टॉक्सिन्स कम होते हैं, तो ऊर्जा स्तर बढ़ता है, पाचन सुधरता है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी मजबूत होती है। इसके नियमित सेवन से त्वचा पर स्वाभाविक निखार आता है, दाने या मुंहासों की समस्या कम होती है और संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर बनता है। यह शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है।
सिरदर्द में अमृतारिष्ट
फायदे: गर्मी बढ़ने, शरीर में ताप असंतुलन होने या बुखार उतरने के बाद अक्सर सिरदर्द की समस्या बनी रहती है। ऐसे में अमृतारिष्ट शरीर की आंतरिक गर्मी को संतुलित करके तुरंत राहत देने में मदद करता है। इसकी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ तंत्रिका तंत्र को शांत करती हैं, जिससे तनाव कम होता है और सिरदर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है। यह रक्त संचार को संतुलित करता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है, जिसके कारण सिर में भारीपन, चक्कर या थकान जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है। नियमित सेवन से ऐसे सिरदर्द की पुनरावृत्ति में कमी आती है।
त्वचा एलर्जी में अमृतारिष्ट
फायदे:गर्मी, शरीर में बढ़ी आंतरिक गर्मी या किसी संक्रमण के कारण होने वाले दाने, खुजली, रैशेज और त्वचा में जलन जैसी समस्याएँ काफी परेशान कर सकती हैं। अमृतारिष्ट अपने शीतल और रक्त-शोधक गुणों के कारण ऐसी एलर्जी में प्राकृतिक रूप से राहत प्रदान करता है। यह शरीर को अंदर से ठंडक देता है, रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा में जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से खुजली, लालपन और सूजन जैसी समस्याएँ कम होती हैं और त्वचा धीरे-धीरे स्वस्थ और साफ दिखाई देने लगती है।
बीमारी के बाद रिकवरी में अमृतारिष्ट (Amritarishta)
फायदे: लंबी बीमारी, संक्रमण या लगातार कमजोरी की स्थिति में शरीर अपनी प्राकृतिक ऊर्जा खोने लगता है और थकान जल्दी महसूस होती है। ऐसे समय में अमृतारिष्ट एक प्रभावी आयुर्वेदिक टॉनिक की तरह काम करता है, जो शरीर को भीतर से ताकत देता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर करता है, जिससे ऊर्जा तेजी से लौटने लगती है। साथ ही यह इम्युनिटी को बढ़ाकर शरीर को दोबारा संक्रमण से बचाने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से अंगों की कार्यक्षमता सुधरती है और शरीर धीरे-धीरे अपनी सामान्य, स्वस्थ अवस्था में लौट आता है।
अमृतारिष्ट (Amritarishta) कैसे लें?
इस दवाई को हमेशा चिकित्सक के निर्देशों के अनुसार ही लेना चाहिए। आमतौर पर अमृतारिष्ट को बराबर मात्रा में पानी मिलाकर पिया जाता है, जिससे यह शरीर में आसानी से अवशोषित हो सके और बेहतर परिणाम दे सके। पानी मिलाने से इसका असर संतुलित रहता है और पेट पर भी कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। इसे न तो बहुत ज्यादा मात्रा में लेना चाहिए और न ही बिना सलाह के खुराक बढ़ानी चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की स्थिति और जरूरत अलग होती है। सही तरीके से लेने पर अमृतारिष्ट शरीर को मजबूत बनाता है और स्वास्थ्य सुधार में मदद करता है।
अमृतारिष्ट (Amritarishta) कब लें?
अमृतारिष्ट को हमेशा भोजन के बाद लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे यह शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होता है और पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। भोजन के बाद पेट सक्रिय रहता है, जिससे दवाई के गुण तेजी से काम करते हैं और कोई जलन या असहजता भी महसूस नहीं होती। इसे खाली पेट लेने पर कभी-कभी एसिडिटी या कमजोरी महसूस हो सकती है, इसलिए भोजन के बाद सेवन करना अधिक सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। नियमित रूप से सही समय पर लेने से अमृतारिष्ट के लाभ बढ़ते हैं और स्वास्थ्य सुधार तेजी से होता है।
अमृतारिष्ट (Amritarishta) कैसे काम करता है?
अमृतारिष्ट शरीर की इम्युनिटी को प्राकृतिक रूप से बढ़ाकर संक्रमणों के खिलाफ मजबूत रक्षा प्रदान करता है। यह बुखार को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर की बढ़ी हुई गर्मी को संतुलित करता है, जिससे व्यक्ति जल्दी राहत महसूस करता है। अमृतारिष्ट में मौजूद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती हैं, जिससे रक्त और पाचन तंत्र शुद्ध होता है। यह संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है और कमजोरी को कम करता है। नियमित सेवन से शरीर का संतुलन पुनः स्थापित होता है तथा संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है।
कौन लोग अमृतारिष्ट लें?
- कमज़ोर इम्युनिटी वाले लोग
- जो लोग बार-बार बुखार से परेशान रहते हैं
- त्वचा संबंधी समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति
- जोड़ों में दर्द या सूजन वाले लोग
- जिनका पाचन कमजोर हो
- पुरानी खांसी से परेशान व्यक्ति
- जो लोग अक्सर थकान या कमजोरी महसूस करते हैं
- लीवर से संबंधित समस्याओं वाले लोग
- शरीर में सूजन या जलन महसूस करने वाले व्यक्ति
- लंबी बीमारी से उबर रहे लोग
सुरक्षा उपाय
- गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं: सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
- खुराक: निर्धारित मात्रा से अधिक न लें, वरना गैस या पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- बच्चों में उपयोग: डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को न दें।
- भंडारण: दवाई को ठंडी और सूखी जगह पर रखें तथा बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. अमृतारिष्ट का उपयोग किस लिए किया जाता है?
A. अमृतारिष्ट का उपयोग बुखार कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने, पाचन सुधारने, तथा संक्रमण और कमजोरी से शरीर को उबरने में मदद करने के लिए किया जाता है।
Q. क्या अमृतारिष्ट रोज़ाना लेना सुरक्षित है?
A. हाँ, आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेने पर यह रोज़ाना उपयोग के लिए सुरक्षित है। निर्धारित खुराक से अधिक न लें।
Q. क्या बच्चे अमृतारिष्ट ले सकते हैं?
A. बच्चों को अमृतारिष्ट केवल डॉक्टर की सलाह पर ही देना चाहिए। यह मुख्य रूप से वयस्कों और बड़े बच्चों के लिए बनाया गया है।
Q. अमृतारिष्ट कब लेना चाहिए – खाने से पहले या बाद में?
A. अमृतारिष्ट भोजन के बाद लेना चाहिए। बेहतर परिणामों के लिए इसे बराबर मात्रा में पानी मिलाकर लें।
Q. क्या अमृतारिष्ट त्वचा की समस्याओं में मदद करता है?
A. हाँ, अमृतारिष्ट रक्त को शुद्ध करता है और शरीर से विषैले तत्व निकालता है, जिससे मुंहासे, दाने, खुजली और रैश जैसी त्वचा समस्याओं में सुधार होता है।
Q. क्या अमृतारिष्ट कमजोरी और थकान में मदद करता है?
A. हाँ, अमृतारिष्ट शरीर की ताकत बढ़ाता है, पाचन सुधारता है और ऊर्जा स्तर को बढ़ाकर लगातार होने वाली थकान में राहत देता है।
Q. अमृतारिष्ट कब तक लेना चाहिए?
A. आमतौर पर 2–4 सप्ताह तक लेना फायदेमंद होता है, लेकिन बीमारी या कमजोरी की स्थिति में अवधि डॉक्टर तय कर सकते हैं।
Q. क्या अमृतारिष्ट वजन बढ़ाने में मदद करता है?
A. अमृतारिष्ट सीधे वजन नहीं बढ़ाता, लेकिन पाचन और भूख को बेहतर बनाकर शरीर को आवश्यक पोषण मिलने में मदद करता है, जिससे धीरे-धीरे वजन बढ़ सकता है।
Q. क्या अमृतारिष्ट गर्म तासीर वाला होता है?
A. नहीं, अमृतारिष्ट शरीर की गर्मी को संतुलित करता है और बुखार या आंतरिक गर्मी से होने वाली समस्याओं में राहत देता है।
Q. क्या अमृतारिष्ट एनीमिया (खून की कमी) में लाभदायक है?
A. हाँ, अमृतारिष्ट रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ाने में मदद करता है, जिससे एनीमिया में लाभ मिलता है।
Q. क्या अमृतारिष्ट एलर्जी या शरीर में बार-बार होने वाली सूजन में मदद कर सकता है?
A. हाँ, अमृतारिष्ट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन, खुजली, दाने और एलर्जी जैसी समस्याओं में राहत देते हैं।
Q. क्या अमृतारिष्ट को दूसरी आयुर्वेदिक दवाओं के साथ लिया जा सकता है?
A. सामान्यतः हाँ, लेकिन यदि आप अन्य दवाइयाँ ले रहे हैं, तो सुरक्षित संयोजन के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना बेहतर है।
निष्कर्ष
अमृतारिष्ट एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक टॉनिक है जो बुखार कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने और संपूर्ण स्वास्थ्य सुधारने में मदद करता है। यह पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन, लीवर कार्य और त्वचा स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। नियमित सेवन से कमजोरी और बीमारी से तेज़ रिकवरी होती है। उचित सलाह के साथ लंबे समय तक सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है और यह शरीर व मन के संतुलन को प्राकृतिक रूप से बहाल करता है।
Recent Blogs
Disclaimer : Zeelab Pharmacy provides health information for knowledge only. Do not self-medicate. Always consult a qualified doctor before starting, stopping, or changing any medicine or treatment.
Added!