भारत में कब्ज की दवा
कब्ज एक बहुत ही आम पाचन समस्या है, जो हर उम्र के लोगों में देखी जाती है। इसमें मल त्याग कम हो जाता है और मल सख्त होकर निकलने में कठिनाई होती है। इससे पेट फूलना, पेट में भारीपन, गैस, असहजता और लगातार बोझ जैसा महसूस होने लगता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित खान-पान, कम फाइबर वाला आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और पानी की कमी कब्ज के मुख्य कारण हैं।
अगर कब्ज को समय रहते ठीक न किया जाए, तो यह आपकी संपूर्ण सेहत पर असर डाल सकता है और आगे चलकर फिशर, बवासीर या क्रॉनिक कब्ज जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए इसे शुरुआती चरण में ही सही तरीके से संभालना जरूरी है—जैसे संतुलित आहार, पर्याप्त पानी पीना और जरूरत पड़ने पर कब्ज के लिए प्रभावी दवाओं का उपयोग करना।
कब्ज के लक्षण
- सख्त और सूखा मल
- मल त्याग के समय ज्यादा जोर लगाना
- कम बार मल त्याग होना (हफ्ते में तीन बार से कम)
- मल पूरी तरह न निकलने का एहसास
- पेट फूलना और असहजता
- भूख कम लगना
कब्ज के कारण
कब्ज कई कारणों से हो सकती है, जैसे:
- कम फाइबर वाला आहार: आहार में फाइबर कम होने पर मल सख्त हो जाता है।
- पानी की कमी: पर्याप्त पानी न पीने से मल सूखा और कड़ा हो जाता है।
- कम शारीरिक गतिविधि: ज्यादा बैठने से पाचन धीमा हो जाता है, जिससे कब्ज होती है।
- मल रोक कर रखना: मल त्याग की इच्छा को बार-बार टालना कब्ज का कारण बन सकता है।
- कुछ दवाइयाँ: दर्द निवारक, एंटीडिप्रेसेंट और आयरन सप्लीमेंट कब्ज कर सकते हैं।
- चिकित्सीय स्थितियाँ: डायबिटीज, थायराइड समस्याएँ और IBS कब्ज की वजह बन सकते हैं।
भारत में उपलब्ध जेनेरिक कब्ज की दवाएँ
| जेनेरिक दवा | कब्ज में उपयोग |
|---|---|
| इसबगोल (Psyllium Husk) | प्राकृतिक फाइबर, जो मल में बल्क बढ़ाकर नियमित मल त्याग में मदद करता है। |
| लैक्टुलोज | ओस्मोटिक लैक्सेटिव, जो मल को नरम कर क्रॉनिक कब्ज में राहत देता है। |
| बिसाकोडाइल | स्टिमुलेंट लैक्सेटिव, जो आंतों की गति बढ़ाकर 6–12 घंटे में राहत देता है। |
| सेन्ना | हर्बल लैक्सेटिव, जो आंतों को उत्तेजित कर मल त्याग को बढ़ावा देता है। |
| सोडियम पिकोसल्फेट | शॉर्ट-टर्म कब्ज में उपयोगी स्टिमुलेंट लैक्सेटिव। |
| मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड (Milk of Magnesia) | ओस्मोटिक लैक्सेटिव, जो आंतों में पानी खींचकर मल निकालना आसान बनाता है। |
| पॉलीइथिलीन ग्लाइकॉल (PEG) | क्रॉनिक कब्ज और बाउल क्लीनसिंग में उपयोगी ओस्मोटिक लैक्सेटिव। |
| कैस्टर ऑयल | प्राकृतिक स्टिमुलेंट लैक्सेटिव, जो कुछ ही घंटों में मल त्याग करवाता है। |
| डोक्यूसेट सोडियम | स्टूल सॉफ्टनर, जो मल को मुलायम बनाकर आसानी से निकालने में मदद करता है। |
| लिक्विड पैराफिन | ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव, जो मल को चिकना कर जोर लगाने की आवश्यकता कम करता है। |
भारत में कब्ज के लिए सर्वश्रेष्ठ दवाएँ
कब्ज की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग दवाएँ उपयोग की जाती हैं। यहाँ सबसे प्रभावी विकल्प दिए गए हैं:
| दवा का नाम | संरचना |
|---|---|
| Sensegood Powder |
इसबगोल हस्क 0.66 gm/gm
|
| Sensegood Lite Powder |
इसबगोल 0.66 gm
|
| Lactolix Solution |
लैक्टुलोज 10mg
|
| Bisalodil 5 Tablet |
बिसाकोडाइल टैबलेट I.P. 5mg
|
| Laxmilk Syrup |
मिल्क ऑफ मैग्नीशिया 11.25 ml + लिक्विड पैराफिन 3.75 ml
|
कब्ज के लिए सबसे अच्छी टैबलेट
कभी-कभार होने वाली कब्ज से जल्दी राहत पाने के लिए टैबलेट का उपयोग किया जाता है। ये तेजी से असर करती हैं और तब उपयोगी होती हैं जब तुरंत राहत की जरूरत हो। इन्हें केवल अल्पकालिक उपयोग के लिए ही लें और बार-बार उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
Bisalodil 5 Tablet
Bisalodil 5 एक स्टिमुलेंट लैक्सेटिव है, जो कुछ ही घंटों में आंतों की गति बढ़ाकर मल त्याग करवाने में मदद करता है — occasional और short-term कब्ज में यह एक प्रभावी विकल्प है।
- संरचना: Bisacodyl 5 mg
- कैसे काम करता है: आंतों की मांसपेशियों को सक्रिय करके मल बाहर निकालने में मदद करता है
- कब उपयोग करें: कभी-कभार होने वाली कब्ज; लंबे समय तक रोजाना उपयोग के लिए नहीं
- अगर कब्ज बार-बार हो, पेट में दर्द हो, रक्तस्राव हो या वजन कम हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
कब्ज के लिए सबसे अच्छा सिरप
सिरप का प्रभाव हल्का और कोमल होता है। इन्हें निगलना आसान है, इसलिए बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये अधिक उपयुक्त विकल्प माने जाते हैं। ये पानी को आंतों में खींचकर मल को नरम करते हैं या फिर मल को चिकना बनाते हैं, जिससे मल त्याग आरामदायक हो जाता है।
Lactolix Solution
Lactolix (लैक्टुलोज) एक ओस्मोटिक सिरप है, जो मल को मुलायम करता है। इसे chronic constipation या संवेदनशील पेट वाले मरीजों के लिए अक्सर सुझाया जाता है।
- संरचना: Lactulose (उत्पाद जानकारी में 10 mg के रूप में उल्लेखित)
- कैसे काम करता है: आंतों में पानी खींचकर मल को नरम बनाता है
- कब उपयोग करें: लंबे समय से कब्ज, बवासीर, या जब कोमल और नियमित राहत की जरूरत हो
Laxmilk Syrup
Laxmilk एक संयुक्त सिरप है, जो मल को नरम और चिकना बनाकर मल त्याग को आरामदायक करता है।
- संरचना: Milk of Magnesia 11.25 ml + Liquid Paraffin 3.75 ml
- कैसे काम करता है: मिल्क ऑफ मैग्नीशिया पानी खींचता है, जबकि लिक्विड पैराफिन आंतों को चिकना करता है
- कब उपयोग करें: जब मल बहुत सख्त हो या उसे निकालने में कठिनाई हो
भारत में सर्वश्रेष्ठ स्टूल सॉफ्टनर
रोजाना मल को मुलायम बनाए रखने और नियमितता बढ़ाने के लिए फाइबर पाउडर और बल्क-फॉर्मिंग एजेंट सबसे सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हैं। ये प्राकृतिक रूप से मल की मात्रा और उसकी बनावट को सुधारते हैं।
Sensegood Powder
Sensegood Powder इसबगोल (Psyllium Husk) आधारित फाइबर सप्लीमेंट है, जो मल में बल्क बढ़ाकर मल त्याग को आसान बनाता है। नियमित उपयोग आंतों के स्वास्थ्य को भी सपोर्ट करता है।
- संरचना: Isapgol Husk 0.66 gm/gm
- कैसे काम करता है: यह पानी सोखकर मुलायम, भारी मल बनाता है, जो आसानी से बाहर आ जाता है
- कब उपयोग करें: रोजाना उपयोग, हल्की chronic कब्ज, या आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए
- फाइबर पाउडर लेते समय पर्याप्त पानी पिएं, वरना कब्ज बढ़ सकती है।
अस्वीकरण: यह सामग्री केवल जानकारी के उद्देश्य से है। सही दवाई, मात्रा, दवा के इंटरैक्शन या लगातार लक्षण रहने पर डॉक्टर से सलाह लें।
कब्ज के घरेलू उपाय
दवाइयों के साथ-साथ घरेलू उपाय भी कब्ज में राहत देने में काफी सहायक होते हैं। कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं:
- फाइबर युक्त आहार: साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ जैसे ओट्स, सेब, केला, दालें और अलसी के बीज खाएँ।
- पर्याप्त पानी पिएं: रोज 8–10 गिलास पानी पिएं। सुबह गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पीना भी लाभकारी है।
- नियमित व्यायाम: चलना, योग और हल्की स्ट्रेचिंग आंतों को सक्रिय करती है।
- प्रोबायोटिक्स: दही, छाछ और किण्वित खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।
- इसबगोल (Psyllium Husk): एक चम्मच इसबगोल रात में गुनगुने पानी या दूध के साथ लें।
- Aloe Vera जूस: यह पाचन को सुधारता है और हल्के लैक्सेटिव जैसा काम करता है।
- कैस्टर ऑयल: प्राकृतिक लैक्सेटिव, लेकिन इसका उपयोग कभी-कभार और कम मात्रा में ही करें।
डॉक्टर को कब दिखाएँ?
इन लक्षणों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
- तीन सप्ताह से अधिक समय तक कब्ज रहना
- तेज पेट दर्द या अत्यधिक गैस
- मल में खून आना
- अचानक वजन कम होना
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. कब्ज के लिए सबसे तेज असर करने वाली दवा कौन सी है?
A. स्टिमुलेंट लैक्सेटिव जैसे बिसाकोडाइल और सेन्ना तेजी से काम करते हैं और आमतौर पर 6–12 घंटों में कब्ज से राहत देकर मल त्याग को आसान बनाते हैं।
Q. क्या रोजाना लैक्सेटिव ले सकते हैं?
A.नहीं, रोजाना लेना सही नहीं है क्योंकि इससे आदत पड़ सकती है, आंतें कमजोर हो सकती हैं और प्राकृतिक मल त्याग की क्षमता कम हो सकती है।
Q. कब्ज में किन चीजों से बचें?
A. कब्ज से बचने के लिए प्रोसेस्ड फूड, अधिक डेयरी, तली-भुनी चीजें और रेड मीट न खाएँ, क्योंकि ये पाचन धीमा करके कब्ज बढ़ा देते हैं।
Q. क्या तनाव से कब्ज हो सकती है?
A. हाँ, तनाव पाचन क्रिया को धीमा कर देता है, जिसके कारण आंतों की गति कम हो जाती है और मल सख्त होकर बाहर निकलने में कठिनाई होती है, जिससे कब्ज हो सकती है।
Q. कब्ज से बचाव कैसे करें?
A. कब्ज से बचने के लिए फाइबरयुक्त आहार लें, पर्याप्त पानी पिएं, रोजाना हल्का व्यायाम करें और मल त्याग की इच्छा को कभी न रोकें, हमेशा।
Q. क्या गर्भावस्था में कब्ज सामान्य है और क्या यह सुरक्षित है?
A. हाँ, गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव और बढ़ता हुआ गर्भाशय कब्ज का कारण बन सकते हैं। हल्के घरेलू उपाय और फाइबर-समृद्ध आहार पहले अपनाएँ। दवाइयों के लिए हमेशा अपनी प्रसूति चिकित्सक से सलाह लें।
Q. क्या स्तनपान कराने वाली मांयाँ लैक्सेटिव ले सकती हैं?
A. कुछ सुरक्षित विकल्प होते हैं (जैसे फाइबर सप्लीमेंट और नरम करने वाली दवाएँ), पर किसी भी दवा को लेने से पहले स्तनपान संबंधी सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क आवश्यक है।
Q. बच्चों में कब्ज के लिए क्या अलग दवाइयाँ प्रस्तावित होती हैं?
A. हाँ, बच्चों के लिए डोज और फॉर्मूले अलग होते हैं — अक्सर सुकून देने वाले सिरप या सख्त दवाओं की जगह कोमल उपाय सुझाए जाते हैं। बच्चों के इलाज के लिए बालरोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
Q. लंबे समय तक लैक्सेटिव लेने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
A. बार-बार और लंबे समय से सेवन करने पर निर्भरता, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, पेट की मांसपेशियों की असंवेदनशीलता और मल त्याग की समस्या बनी रह सकती है—इसीलिए डॉक्टरी मार्गदर्शन जरूरी है।
Q. क्या किसी अन्य दवा के साथ लैक्सेटिव लेने पर इंटरैक्शन हो सकते हैं?
A. हाँ — कुछ दवाएँ (जैसे आयरन सप्लीमेंट, कुछ एंटीबायोटिक्स या हृदय की दवाएँ) पर असर पड़ सकता है। अन्य दवाओं के साथ संयोजन से पहले फार्मासिस्ट या डॉक्टर से पूछें।
Q. फाइबर सप्लीमेंट (इसबगोल) लेने का सही तरीका और समय क्या है?
A. सामान्यत: 1 चम्मच फाइबर को एक गिलास पानी या दही में मिलाकर लिया जाता है। रात में या भोजन के साथ ले सकते हैं — पर पर्याप्त पानी साथ में पिएँ ताकि फाइबर अच्छे से काम करे।
Q. क्या प्रोबायोटिक्स कब्ज में मदद करते हैं?
A. हाँ, कुछ प्रोबायोटिक ने चर्चित अध्ययन में आंत के स्वास्थ्य और नियमितता सुधारने में मदद दिखाई है। पर परिणाम व्यक्ति-विशेष पर निर्भर करते हैं।
Q. आयुर्वेदिक या हर्बल उपाय वास्तव में कितने प्रभावी हैं?
A. कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ (जैसे सेन्ना, हरितकी, आंवला) और घरेलू उपाय सहायक होते हैं। हल्के मामलों में ये सुरक्षित विकल्प दे सकते हैं, पर गंभीर या लगातार लक्षण के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
Q. बुज़ुर्गों में कब्ज का क्या विशेष ध्यान रखें?
A. बुज़ुर्गों में दवा-इंटरैक्शन, कम पानी पीना और चलने-फिरने की कमी अक्सर जिम्मेदार होते हैं। फाइबर, हाइड्रेशन और हल्का व्यायाम बढ़ाना महत्वपूर्ण है; दवा बदलने से पहले डॉक्टर से मार्गदर्शन लें।
Q. क्या स्टूल सॉफ्टनर और स्टिमुलेंट लैक्सेटिव एक साथ ले सकते हैं?
A. कुछ स्थितियों में डॉक्टर दोनों का संयोजन चुन सकते हैं (विशेषकर कठिन कब्ज में), पर स्व-नियुबंधन में इसे न करें। सुरक्षित और प्रभावी संयोजन के लिए चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।
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निष्कर्ष
कब्ज का सही उपचार, संतुलित आहार और स्वस्थ दिनचर्या अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। लैक्सेटिव, स्टूल सॉफ्टनर और फाइबर सप्लीमेंट राहत देते हैं, जबकि घर के उपाय लंबे समय तक पाचन को संतुलित रखते हैं।
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