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भारतीय युवाओं में डायबिटीज के टॉप 10 चेतावनी संकेत

Early Signs of Diabetes Early Signs of Diabetes
Published On : 10 Dec, 2025 | Written By : Aprajita Anand | Reviewed By : Dr. Anubhav Singh

भारत में 20 से 30 वर्ष के युवाओं में डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि 30 वर्ष से कम उम्र के लगभग 13% युवाओं में डायबिटीज के लक्षण मौजूद हैं। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या बताती है कि लोगों को डायबिटीज के शुरुआती संकेतों को पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि बीमारी गंभीर होने से पहले ही इसका नियंत्रण किया जा सके। 

दुर्भाग्य से, कई युवा अपने शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें केवल तनाव या थकान समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन ये बदलाव अक्सर डायबिटीज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। भारत में डायबिटीज के सामान्य लक्षणों में लगातार थकान महसूस होना, अचानक वजन घटना, अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और धुंधला दिखाई देना शामिल हैं। 

इसके अलावा, त्वचा का काला पड़ना (इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण), घावों का देर से भरना और पैरों में झनझनाहट जैसी समस्याएं भी डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकती हैं। इन संकेतों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि सही जीवनशैली अपनाने और डॉक्टर की सलाह लेने से टाइप 2 डायबिटीज को रोका जा सकता है या प्रीडायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।

यह गाइड युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को समझने में मदद करेगी और बताएगी कि भारत में जीवनशैली से जुड़ी डायबिटीज के संकेत अक्सर क्यों अनदेखे रह जाते हैं। अगर युवा इन चेतावनी संकेतों पर ध्यान देना शुरू करें, तो वे समय रहते डॉक्टर से जांच करवा सकते हैं और किफायती उपचार पा सकते हैं। 

उदाहरण के लिए, वे Zeelab Pharmacy से ऑनलाइन मेटफॉर्मिन खरीद सकते हैं या डायबिटीज के लिए उपलब्ध अन्य सस्ती और असरदार दवाओं का उपयोग कर सकते हैं, जो उनकी सेहत को नियंत्रित रखने में मददगार हैं। 

युवाओं में जल्दी डायबिटीज क्यों बढ़ रही है?

युवाओं में डायबिटीज तेजी से बढ़ने की एक बड़ी वजह है उनका जीवनशैली में बदलाव। देर रात तक जागना, जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी और घंटों तक बैठकर काम करना इसके प्रमुख कारण हैं। इसके साथ ही भारतीय परिवारों में पाए जाने वाले अनुवांशिक कारण भी इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाते हैं, जिससे डायबिटीज के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं। 

लंबे समय तक तनाव में रहना, व्यायाम न करना और शरीर के संकेतों को नजरअंदाज करना स्थिति को और खराब कर देता है। कई युवा बार-बार पेशाब आना, धुंधला दिखाई देना और लगातार थकान जैसे लक्षणों की अनदेखी कर देते हैं, जिससे बीमारी का पता देर से चलता है। सही समय पर शारीरिक गतिविधि बढ़ाना, संतुलित आहार लेना और ब्लड शुगर की जांच करना डायबिटीज को बढ़ने से रोक सकता है।

डायबिटीज के 10 शुरुआती लक्षण जिन्हें युवा अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं

अधिकांश युवा डायबिटीज के शुरुआती संकेतों को गंभीरता से नहीं लेते। इनमें हमेशा थकान महसूस होना, बार-बार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना और छोटी-छोटी चीजों में बदलाव जैसे लक्षण शामिल हैं, जो बढ़ते ब्लड शुगर का संकेत होते हैं।

1. बार-बार पेशाब आना (Polyuria)

डायबिटीज की शुरुआत में युवाओं को बार-बार पेशाब जाने की समस्या होती है। इसका कारण यह होता है कि गुर्दे शरीर में अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने के लिए ज्यादा काम करते हैं। इसे समय पर पहचानने से स्थिति खराब होने से रोकी जा सकती है। इसके साथ ही जीवनशैली में छोटे बदलाव, ब्लड शुगर की निगरानी और Zeelab की किफायती दवाओं का उपयोग युवाओं के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

2. अत्यधिक प्यास लगना (Polydipsia)

जब ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो शरीर डिहाइड्रेशन को ठीक करने की कोशिश करता है, जिससे बार-बार प्यास लगती है। यह डायबिटीज का बेहद आम संकेत है। अगर लगातार प्यास लगना और पेशाब बार-बार आना जैसे लक्षण दिखें, तो यह संकेत हो सकता है कि युवा डायबिटीज की ओर बढ़ रहे हैं। सही हाइड्रेशन और समय पर जांच कराना इसकी रोकथाम में मदद करता है।

3. लगातार थकान और ऊर्जा की कमी

जब शरीर को ग्लूकोज से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती, तो आप हमेशा थके हुए महसूस करते हैं। यह लक्षण डायबिटीज की शुरुआत में युवाओं में अक्सर देखा जाता है। समय रहते ध्यान देने पर सही आहार, रूटीन और सप्लीमेंट्स की मदद से ऊर्जा स्तर को बढ़ाया जा सकता है और बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।

4. धुंधला दिखाई देना और आंखों पर तनाव

ब्लड शुगर बढ़ने पर आंखों के लेंस प्रभावित होते हैं, जिससे धुंधला दिखाई देता है। यदि इसे अनदेखा किया जाए, तो आगे चलकर यह गंभीर आंखों की समस्याएं पैदा कर सकता है। समय रहते पहचान करने से सही दवाइयां और सप्लीमेंट्स लेना आसान हो जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

5. बिना कारण वजन कम होना

अगर बिना किसी प्रयास या डायटिंग के वजन घटने लगे, तो यह चिंता का विषय है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर ऊर्जा के लिए मांसपेशियों और चर्बी को तोड़ने लगता है। यह लक्षण प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं, जिन्हें किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर पहचान से बीमारी को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

6. घावों का देर से भरना और बार-बार इंफेक्शन होना

जब ब्लड शुगर लगातार बढ़ा रहता है, तो यह रक्त परिसंचरण को प्रभावित करता है, जिससे घाव जल्दी नहीं भरते। ऐसे घाव जो लंबे समय तक ठीक न हों, इंसुलिन रेजिस्टेंस या शुरुआती डायबिटीज का संकेत हो सकते हैं। इसे समय रहते पहचानकर आप संक्रमण से बच सकते हैं और सही इलाज समय पर ले सकते हैं।

7. त्वचा पर काले धब्बे (Acanthosis Nigricans)

गर्दन, बगल या शरीर के अन्य हिस्सों पर गहरे और मुलायम काले निशान दिखने लगें, तो यह इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत हो सकता है। यह डायबिटीज का एक शुरुआती और अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला लक्षण है। इसे जल्दी पहचान लेने पर समय पर कदम उठाए जा सकते हैं।

8. हाथों और पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन

लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़ने से नसों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे हाथ या पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होता है। यह डायबिटीज से जुड़ा शुरुआती लक्षण हो सकता है और युवाओं में भी दिखाई दे सकता है। जीवनशैली में बदलाव और सही सप्लीमेंट्स लेने से इस समस्या को समय पर नियंत्रित किया जा सकता है।

9. बार-बार भूख लगना (Polyphagia)

जब शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, तो कोशिकाओं में ऊर्जा नहीं पहुंचती, जिससे बार-बार भूख लगती है। यह बढ़ते ब्लड शुगर और डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इस लक्षण को नजरअंदाज करने से स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए समय रहते खान-पान और आदतों में सुधार करना जरूरी है।

10. त्वचा, मसूड़ों या मूत्र मार्ग में बार-बार संक्रमण

ब्लड शुगर बढ़ने से प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) कमजोर हो जाती है, जिससे त्वचा, मसूड़ों या मूत्र संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर युवा महिलाओं में यह समस्या ज्यादा दिखाई देती है। इसे डायबिटीज का चेतावनी संकेत मानकर समय पर जांच कराना चाहिए।

युवा डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को क्यों नजरअंदाज करते हैं?

डायबिटीज और प्रीडायबिटीज के कई शुरुआती लक्षण युवाओं द्वारा इसलिए नजरअंदाज कर दिए जाते हैं क्योंकि वे सामान्य रोज़मर्रा की थकान, लंबे काम के घंटे, जिम के बाद की कमजोरी या ज्यादा प्यास लगने जैसे लगते हैं। 

तेज रफ्तार जीवन, तनावपूर्ण नौकरियां, अनियमित भोजन और कम नींद के कारण थकान, बार-बार पेशाब आना और प्यास लगना युवाओं को सामान्य लगता है। इसी वजह से वे इन संकेतों को गंभीरता से नहीं लेते और डायबिटीज की पहचान देर से होती है।

इसके अलावा, भारत में कई युवा स्वास्थ्य जांच को टालते रहते हैं और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि प्रीडायबिटीज समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज में बदल जाती है, जिससे लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं।

डायबिटीज की जांच कब करवानी चाहिए?

अगर डायबिटीज के दो या उससे ज्यादा लक्षण एक साथ दिखाई देने लगें — जैसे ब्लड शुगर बढ़ना, लगातार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान या त्वचा पर काले धब्बे — तो तुरंत जांच करानी चाहिए। 

युवाओं में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण अक्सर बहुत हल्के होते हैं, इसलिए उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। इसी कारण कई युवा समय रहते उपचार नहीं ले पाते।

यदि आपकी दृष्टि धुंधली हो रही है, हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है, या बिना कारण वजन कम होने लगे, तो यह डायबिटीज जांच का स्पष्ट संकेत है।

शुरुआती पहचान के लिए जरूरी टेस्ट:

  • HbA1c या ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन
  • फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज
  • पोस्टप्रांडियल (PP) ब्लड शुगर टेस्ट

डायबिटीज के जोखिम को प्राकृतिक रूप से कैसे कम करें?

डायबिटीज और प्रीडायबिटीज से बचने के लिए कुछ स्थायी जीवनशैली परिवर्तन जरूरी हैं, जो भारतीय खानपान और दिनचर्या के अनुरूप हों। रोजमर्रा की जिंदगी में इन आदतों को अपनाने से बड़ा फर्क पड़ सकता है। 

आदत

क्या करें

क्यों फायदेमंद है

लो-कार्ब भारतीय भोजन

चावल, रोटी, चीनी कम करें; प्रोटीन और फाइबर बढ़ाएं

ब्लड शुगर नियंत्रित करता है और प्रीडायबिटीज को बढ़ने से रोकता है

30–45 मिनट दैनिक वॉक

तेज चाल में चलें या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें

इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करता है और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को घटाता है

स्क्रीन टाइम सीमित करें

सोने से 1 घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद करें

तनाव और ब्लड शुगर में होने वाले उतार-चढ़ाव को कम करता है

7–8 घंटे की नींद

नियमित नींद का समय तय करें

थकान, क्रेविंग और डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को कम करता है

हाइड्रेशन और बिना शक्कर वाले पेय

पानी, नींबू पानी, हर्बल चाय

प्यास और ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करता है

स्मोकिंग से दूरी

सिगरेट और तंबाकू पूरी तरह छोड़ें

इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करता है और हृदय व डायबिटीज के जोखिम घटाता है

कम मात्रा में शराब

कभी-कभार और कम मात्रा में ही सेवन करें

ब्लड शुगर को स्थिर रखता है और मेटाबॉलिक स्वास्थ्य सुरक्षित रखता है

Zeelab Pharmacy की बेहतरीन डायबिटीज दवाइयाँ और सप्लिमेंट्स

अगर भारत के युवा इन शुरुआती लक्षणों को पहचान लें, तो वे समय पर सस्ती और प्रभावी डायबिटीज देखभाल प्राप्त कर सकते हैं। Zeelab WHO/GMP-प्रमाणित जेनेरिक दवाइयाँ भारत के 1800+ शहरों तक पहुंचाता है, जिससे डायबिटीज का इलाज आसान, विश्वसनीय और किफायती बन जाता है। 

Tenlizem M 1000 SR Tablet

Tenlizem M 1000 SR Tablet वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में बेहद प्रभावी है। Metformin (1000mg) SR और Teneligliptin (20mg) का यह संयोजन शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, जिससे डायबिटीज के गंभीर जोखिम, जैसे किडनी को नुकसान या आंखों की रोशनी कम होना, रोका जा सकता है।  

  • Composition: Metformin (1000mg) SR + Teneligliptin (20mg)
  • What it helps: इंसुलिन की क्रिया को बेहतर कर ब्लड शुगर कम करता है और लीवर में बनने वाली अतिरिक्त ग्लूकोज़ को घटाता है।
  • Daily use: दिन में एक बार भोजन के साथ लें, जिससे शुगर लेवल स्थिर रहे और अचानक बढ़ने से रोका जा सके। 

Metrose 850 SR Tablet

Metrose 850 SR Tablet वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज के नियंत्रण में उपयोगी है। यह दवा शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है, जिससे किडनी की खराबी और आंखों की कमजोरी जैसे जटिल जोखिम कम होते हैं।  

  • Composition: Metformin (850mg) SR
  • What it helps: इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाकर और शरीर में ग्लूकोज़ के उपयोग को सुधारकर ब्लड शुगर कम करता है।
  • Daily use: दिन में एक बार भोजन के साथ लें, इससे पेट की तकलीफ कम होती है और शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। 

Metrose 1000 SR Tablet

Metrose 1000 SR Tablet टाइप 2 डायबिटीज के लिए लोकप्रिय और भरोसेमंद उपचार है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है और डायबिटीज से जुड़े गंभीर नुकसान को रोकने में मदद करता है।  

  • Composition: Metformin (1000mg) SR 
  • Why it helps: यह ब्लड शुगर पर प्रभावी नियंत्रण देता है। Metformin को Zeelab Pharmacy से ऑनलाइन आसानी से खरीदा जा सकता है।
  • Daily Use: रोज एक टैबलेट भोजन के साथ लें, जिससे ग्लूकोज़ का स्तर संतुलित रहे। 

Glyzee 3 Tablet

Glyzee 3 Tablet टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में उपयोगी सल्फोनाइलयूरिया वर्ग की प्रभावशाली दवा है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है और डायबिटीज से जुड़े खतरों को कम करती है।  

  • Composition: Glimepiride (3mg)
  • Why it helps: यह शुगर को प्रभावी रूप से कम करता है और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। ऑनलाइन Zeelab Pharmacy पर उपलब्ध।
  • Daily Use: रोज नाश्ते के साथ एक टैबलेट लें, इससे ग्लूकोज़ स्तर स्थिर रहता है। 

Glyzee 4 Tablet

Glyzee 4 Tablet टाइप 2 डायबिटीज के उपचार में उपयोगी सल्फोनाइलयूरिया दवा है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है और डायबिटीज से होने वाले नुकसान से बचाती है। 

  • Composition: Glimepiride (4mg)
  • Why it helps: यह बढ़ती शुगर को प्रभावी रूप से नियंत्रित करती है और शुगर स्थिर रखने में सहायक है।
  • Daily use: दिन में एक टैबलेट नाश्ते के साथ लें, जब तक डॉक्टर कुछ और न कहें। 

EMPAZEE L Tablet

EMPAZEE L Tablet में Empagliflozin (25mg) और Linagliptin (5mg) शामिल हैं। यह टाइप 2 डायबिटीज के प्रबंधन में उपयोगी है और ब्लड शुगर को कम करने के लिए इंसुलिन की कार्यक्षमता सुधारता है तथा शरीर से अतिरिक्त ग्लूकोज़ के अवशोषण को कम करता है।  

  • Composition: Empagliflozin (25mg) + Linagliptin (5mg) 
  • Why it helps: यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज़ को वापस अवशोषित होने से रोकता है। 
  • Daily use: रोज सुबह एक टैबलेट डॉक्टर की सलाह अनुसार लें। 

Zeelab Berberis Capsule

BERBERIS Aristata Capsule एक प्राकृतिक हर्बल सप्लिमेंट है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने और वजन प्रबंधन में मदद करता है। इसमें मौजूद बरबेरिन तत्व सूजन, संक्रमण और चयापचय (मेटाबोलिज़्म) सुधारने में प्रभावी है। 

  • Composition: Berberis Aristata Rt. (Ext.) 500g
  • Why it helps: यह प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है, इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर करता है और मेटाबोलिज़्म मजबूत बनाता है।
  • Daily use: रोज भोजन के बाद एक कैप्सूल लें, जिससे शुगर स्तर और मेटाबोलिक स्वास्थ्य संतुलित रहे। 

NatureXprt Madhu Life Capsules | डायबिटीज के लिए 100% प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवा

NatureXprt Madhu Life Capsule एक आयुर्वेदिक हर्बल सप्लिमेंट है, जिसे विशेष रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने और मेटाबोलिज़्म संतुलन को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया है।  

  • Composition: Asana (70mg) + Karela (90mg) + Bimbi (45mg) + Methi (70mg) + Jamun (75mg) + Meshashringi (40mg) + Neem (30mg) + Rohitak (25mg) + Sharpunkha (20mg) + Sudh Shilajeet (20mg) + Trivang Bhasma (10mg) + Vasant Kusumakar Ras (5mg) + Bhawna Rajni (50mg) + Saptachakra (50mg) + Arjun (50mg)
  • Why it helps: इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद मिलती है, मेटाबोलिज़्म मजबूत होता है और शरीर इंसुलिन के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देता है।
  • Daily use: दिन में दो बार भोजन के बाद एक कैप्सूल लें, जिससे शुगर स्तर संतुलित रहे और शरीर को लगातार मेटाबोलिक सपोर्ट मिले। 

NatureXprt Neem Karela Powder

NatureXprt Neem Karela Powder ब्लड और यूरिन में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायक है। नियमित सेवन ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है तथा नींद की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। करेले में मौजूद बीटा-कैरोटीन आंखों की समस्याओं को कम करने और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद करता है।  

  • Composition: Karela (22%) + Jamun (22%) + Mesh Shringi (12%) + Bimbl (13%) + Methi (8%) + Neem (9%) + Amla (8%) + Ashwagandha (4%) + Sudh Shilajeet (2%)
  • Why it helps: नीम और करेला मेटाबोलिज़्म को संतुलित रखते हैं और ब्लड शुगर नियंत्रण में प्राकृतिक रूप से सहायता करते हैं। 
  • Daily use: रोज एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें, इससे शुगर नियंत्रण और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। 

Zeelab Organic Superfood Amla Capsule

Zeelab Organic Superfood Amla Capsule Emblica Officinalis Extract (Amla Powder 500mg) से बनी एक प्राकृतिक हर्बल कैप्सूल है। आंवला विटामिन C और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का अत्यंत समृद्ध स्रोत है। 

  • Composition: Emblica Officinalis Extract (Amla Powder) 500mg
  • Why it helps: यह इम्युनिटी बढ़ाता है, बाल और त्वचा के लिए फायदेमंद है, और पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं।
  • Daily use: रोज भोजन के बाद एक कैप्सूल लें, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बने और शरीर को प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा मिले। 

Zeelab Amla Churna 100gm

Zeelab Amla Churna 100gm शुद्ध आंवले से बना प्राकृतिक आयुर्वेदिक पाउडर है। इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन, इम्युनिटी और त्वचा के स्वास्थ्य में लाभकारी है। 

  • Composition: Amla Churan 
  • Why it helps: यह इम्युनिटी बढ़ाता है, बालों के विकास में मदद करता है, पाचन बेहतर करता है और शरीर को विटामिन C का उत्कृष्ट प्राकृतिक स्रोत प्रदान करता है।
  • Daily use: रोज एक चम्मच गुनगुने पानी या शहद के साथ लें, जिससे पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण हो और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हों। 

NatureXprt Amla Ras

NatureXprt Amla Ras इम्युनिटी बढ़ाने, उम्र बढ़ने के असर को धीमा करने और दिमाग व पाचन तंत्र को मज़बूत बनाने में मदद करता है। यह आंवले की प्राकृतिक शक्ति से भरपूर है, जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है और विटामिन C सहित कई ज़रूरी पोषक तत्वों का उत्कृष्ट प्राकृतिक स्रोत है। 

  • Composition: Amla (1000mg)
  • Why it helps: इम्युनिटी बढ़ाता है, पाचन सुधारता है, बालों के स्वास्थ्य को सपोर्ट करता है और रोज़ाना के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है।
  • Daily use: रोज़ सुबह खाली पेट 10–15 ml Amla Ras पानी के साथ लें, इससे अधिकतम लाभ मिलते हैं। 

Zeelab Triphala Gut Health Capsule

Zeelab Triphala Gut Health Capsule एक प्राकृतिक सप्लिमेंट है, जो पाचन तंत्र को मज़बूत रखने, पाचन सुधारने, अच्छे गट माइक्रोबायोम को सपोर्ट करने और कब्ज, अपच व गैस जैसी आम पाचन समस्याओं को कम करने में मदद करता है।   

  • Composition: Amla (166.66 mg) + Haritaki (166.66 mg) + Bibhitaki (166.66 mg)
  • Why it helps: पाचन को सपोर्ट करता है, कब्ज में राहत देता है और नैचुरल तरीके से आंतों की नियमित साफ़-सफाई कर गट हेल्थ को बेहतर बनाता है।
  • Daily use: रोज़ भोजन के बाद एक कैप्सूल लें, जिससे पाचन सुचारू रहे, गट की डिटॉक्सिफिकेशन हो और संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर बने। 

निष्कर्ष (Conclusion)

डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और उन्हें नज़रअंदाज़ न करना बहुत ज़रूरी है। बार-बार थकान महसूस होना, बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, अचानक बहुत ज़्यादा भूख लगना, गर्दन या बगल में काले दाग़ दिखना, बिना कोशिश के वजन कम होना — ये सब संकेत हो सकते हैं कि शरीर आपको डायबिटीज के बारे में चेतावनी दे रहा है।

कई बार युवा इन संकेतों को हल्के में ले लेते हैं, क्योंकि उनकी लाइफस्टाइल बहुत व्यस्त होती है। इसी वजह से डायबिटीज का पता देर से चलता है और प्रीडायबिटीज जल्दी ही टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है। समय रहते साधारण ब्लड शुगर टेस्ट करवाने से आगे चलकर दिल, किडनी, आंखों और नसों पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों से बचा जा सकता है। 

अभी उठाया गया छोटा कदम भविष्य की बड़ी दिक्कतों से बचा सकता है। अगर आपको इनमें से कोई भी शुरुआती लक्षण दिखे, तो इंतज़ार न करें। डॉक्टर से मिलें और उनसे ऐसी डायबिटीज दवाइयों और सप्लिमेंट्स के बारे में पूछें जो डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए हों और आपकी जेब के लिए भी किफायती हों। Zeelab Pharmacy पर ऐसी कई दवाइयाँ और सप्लिमेंट्स उपलब्ध हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने और आपको बेहतर महसूस कराने में मदद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. भारत में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
अगर आप हमेशा थकान महसूस करते हैं, बहुत ज़्यादा प्यास लगती है, बार-बार पेशाब आता है, गर्दन या बगल पर काले धब्बे दिखते हैं, हर समय भूख लगती रहती है, घाव भरने में बहुत समय लगता है या नज़र धुंधली रहती है, तो यह डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। भारत के युवा अक्सर व्यस्त जीवन के कारण इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

Q. युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज के पहले लक्षण क्या हो सकते हैं?
युवा आमतौर पर ज़्यादा थकान, अचानक बहुत भूख लगना, बार-बार पेशाब आना, मीठा खाने की तीव्र इच्छा और त्वचा पर काले धब्बे जैसे संकेत महसूस करते हैं। ये सब शुरुआती इंसुलिन रेज़िस्टेंस के लक्षण हैं, जो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकते हैं।

Q. क्या बार-बार पेशाब आना हमेशा डायबिटीज का संकेत होता है?
बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का लक्षण हो सकता है, लेकिन ज़्यादा पानी पीना, यूरिन इन्फेक्शन या कुछ दवाइयाँ लेने से भी ऐसा हो सकता है। असली कारण जानने के लिए ब्लड शुगर टेस्ट ज़रूरी है।

Q. क्या वजन कम होना हमेशा डायबिटीज का मतलब है?
बिना वजह वजन कम होना डायबिटीज का संकेत हो सकता है, क्योंकि शरीर ग्लूकोज़ को सही तरह से उपयोग नहीं कर पाता और ऊर्जा के लिए फैट व मसल्स को तोड़ना शुरू कर देता है।

Q. युवाओं में डायबिटीज कितनी जल्दी शुरू हो सकती है?
डायबिटीज की शुरुआत किशोरावस्था से ही हो सकती है, खासकर उन लोगों में जिनका वजन ज़्यादा है, परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, शारीरिक गतिविधि कम है या जो बहुत ज़्यादा मीठा और जंक फूड खाते हैं।

Q. क्या तनाव (Stress) से डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं?
हाँ, लगातार तनाव रहने से शरीर में कॉर्टिसोल बढ़ जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। इससे थकान, cravings (मीठा खाने की चाह) और इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ सकता है, खासकर उन युवाओं में जिनकी लाइफस्टाइल पहले से ही अनहेल्दी है।

Q. क्या गर्दन पर काले धब्बे हमेशा डायबिटीज का संकेत होते हैं?
गर्दन, बगल या शरीर के मोड़ों पर मोटी, काली, मखमली जैसी त्वचा (acanthosis nigricans) अक्सर इंसुलिन रेज़िस्टेंस का संकेत होती है, जो डायबिटीज का शुरुआती चेतावनी संकेत है। हालांकि, मोटापा और हार्मोनल समस्याएँ भी इसकी वजह हो सकती हैं।

Q. क्या दुबले लोग भी टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं?
हाँ, दुबले लोग भी डायबिटीज से प्रभावित हो सकते हैं। इसके पीछे कारण हो सकते हैं – जेनेटिक्स, अंदरूनी चर्बी (visceral fat), इंसुलिन रेज़िस्टेंस या खराब डाइट। इसे lean diabetes कहा जाता है, जो आजकल भारतीय युवाओं में बढ़ता जा रहा है।

Q. क्या लगातार थकान रहना डायबिटीज की चेतावनी हो सकती है?
हाँ, लगातार थकान रहना शुरुआती डायबिटीज का संकेत हो सकता है। जब कोशिकाएँ ग्लूकोज़ को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पातीं, तो शरीर थका हुआ, ध्यान कम और स्टैमिना घटा हुआ महसूस करता है।

Q. युवाओं को अपना ब्लड शुगर कितनी बार चेक करवाना चाहिए?
जिन युवाओं में डायबिटीज के रिस्क फैक्टर हैं, उन्हें कम से कम हर छह महीने में ब्लड शुगर चेक करवाना चाहिए। जिनको लक्षण महसूस हो रहे हों या परिवार में डायबिटीज का इतिहास हो, उन्हें और भी नियमित अंतराल पर टेस्ट कराना चाहिए, ताकि समय रहते डायबिटीज का पता चल सके।


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